
श्वेता अग्रवाल ने 2015 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 19वीं रैंक हासिल की (फोटो: इंस्टाग्राम)
एक किराना विक्रेता की बेटी ने अपनी मेहनत के दम पर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की और आईएएस अधिकारी बनी
गरीब परिवारों के बच्चे जब अधिकारी बनते हैं तो और भी कई बच्चों के प्रेरणास्रोत बनते हैं। आईएएस अधिकारी श्वेता अग्रवाल उनमें से एक हैं जिनकी सफलता की कहानी लोगों को अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रोत्साहित करेगी। एक किराना विक्रेता की बेटी ने अपनी मेहनत के दम पर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की और आईएएस अधिकारी बनी।
श्वेता अग्रवाल ने 2015 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 19वीं रैंक हासिल की। आइए जानते हैं उनकी कहानी और वह इसमें कैसे सफल हुईं:
प्रारंभिक शिक्षा और परिवार
श्वेता अग्रवाल ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट जोसेफ कॉन्वेंट बैंडेल स्कूल से पूरी की। इसके बाद उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उसके पिता किराना दुकान के दुकानदार हैं।
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यूपीएससी की परीक्षा दो बार क्रैक की
श्वेता अग्रवाल ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा दो बार क्रैक की। लेकिन उन्हें आईएएस अधिकारी बनना था। आखिरकार उनका आईएएस बनने का सपना पूरा हुआ और उन्हें बंगाल कैडर मिल गया। अपने पहले प्रयास में उन्होंने 497वीं रैंक हासिल की और आईआरएस सेवा में आ गईं। फिर 2015 में श्वेता का चयन हुआ और इस बार उन्होंने 141वीं रैंक हासिल की। लेकिन फिर भी उन्हें आईएएस पद नहीं मिला। आखिरकार साल 2016 में उनका सपना पूरा हुआ और वह ऑल के साथ आईएएस ऑफिसर बन गईं भारत 19वीं रैंक।
परिवार को लड़का चाहिए था
रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्वेता के जन्म के वक्त परिवार में कोई उत्साह नहीं था। परिवार को बेटी नहीं बेटा चाहिए था। हालांकि श्वेता के माता-पिता ने तय कर लिया था कि वे अपनी बेटी को खूब पढ़ाएंगे। श्वेता ने अपना लक्ष्य हासिल कर निश्चित रूप से अपने माता-पिता को गौरवान्वित किया है।
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